Nine Gems of Akbar and their Talents
1. बीरबल –
परम बुद्धिमान राजा
बीरबल अकबर के
युद्ध-सलाहकार थे।
इनके बचपन का
नाम महेशदास था
! हास्य-परिहास में इनके
अकबर के संग
काल्पनिक किस्से आज भी
कहे जाते हैं।
बीरबल एक कवि
भी थे। दीन
ए इलाही धर्म
को स्वीकार करने
बाले प्रथम व
अंतिम हिन्दू शासक
बीरबल थे !
2. अबुल फजल – इतिहासज्ञ अबुल
फजल ने अकबर
के शासन काल
की प्रमुख घटनाओं
को कलमबद्ध किया
था, उन्होंने अकबरनामा
और आइन-ए-अकबरी की रचना
की थी। पंचतंत्र
का फारसी भाषा
में अनुवादअबुल फजल
ने अनवर ए
सादात नाम से
किया ! इनका जन्म
आगरा में हुआ।
3. तानसेन
– संगीत सम्राट तानसेन अकबर
के दरबार के
एक विलक्षण संगीतज्ञ
थे। इनके बचपन
का नाम रामतनु
पाण्डेय था ! अकबर
ने इन्हें कंठाभरण
वाणीविलास की उपाधी
दी थी !
4. राजा भगवान दास – भगवानदास
आमेर के राजा
भारमल का पुत्र
था। उसकी बहन
का विवाह अकबर
के साथ हुआ
था। अकबर ने
उसे 5000 का मनसबदार
बना दिया था
। उसने अनेक
महत्त्वपूर्ण युद्धों में भाग
लिया था। वह
एक सत्यवादी, साहसी
और पराक्रमी व्यक्ति
था।
5. अब्दुल रहीम खाने
खाना – यह अकबर
के दरबार में
राजकवि थे !
6. राजा टोडरमल – मुगलकाल के
स्वर्णिम काल यानी
अकबर के दौर
में दो हिन्दुओं
बीरबल और राजा
मान सिंह का
बहुत जिक्र होता
है, पर राजा
टोडर मल का
उस तरह से
जिक्र नहीं होता।
हालांकि वे भी
अकबर के बेहद
करीबी थे। वे
उनके दरबार में
राजस्व मंत्री मतलब दीवान
थे।
7. राजा मानसिंह – राजा मानसिंह
अकबर की सेना
के मुख्य सेनापति
थे ! कहा जाता
है कि हिन्दुओं
के प्रति अकबर
के दृष्टिकोण को
अधिक उदार बनाने
में मानसिंह का
महत्त्वपूर्ण योगदान था।
8. मुल्ला दो प्याजा
– मुल्ला दो प्याजा
अरब का रहने
वाला था। हुमायूँ
के समय वह
भारत आया था।
भोजन के समय
दो प्याजा अधिक
पसन्द होने के
कारण, अकबर उसे
दो प्याजा के
नाम से सम्बोधित
करता था। अपनी
योग्यता और सम्राट्
के प्रति निष्ठा
के कारण वह
भी अकबर के
नौरत्नों में से
एक बन गया
था।
9. हकीम हुक्काम – हकीम हुक्काम
, मुग़ल सम्राट अकबर का
सलाहकार और नवरत्नों
में से एक
था।
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